श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के बारे में
श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर को लगभग 150 साल पूरे हो चुके हैं। महाराष्ट्र की पवित्र गंगा मानी जाने वाली नर्मदा नदी से लाए गए शिवलिंग की स्थापना 150 साल पहले की गई थी। इस मंदिर की स्थापना का सौभाग्य स्वर्गीय जमनादास विसंजी ठक्कर (भाटिया) परिवार को प्राप्त हुआ था।
लगभग 50 साल पहले, सन 1965 में स्वर्गीय बाबूलाल त्रिवेदी (सिंधपुर गांव) ने इस मंदिर का संपूर्ण कार्यभार बड़ी श्रद्धा से संभाला। सन 1986 में श्री बाबूलाल त्रिवेदी के दुःखद निधन के बाद उनके पुत्र श्री दिलीप बाबूलाल त्रिवेदी इस मंदिर के सभी कार्यों को देख रहे हैं।
हर साल श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि उत्सव बड़े श्रद्धा और धार्मिक परंपरा के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव में मुंबई और अन्य शहरों से 50 से 70 हजार भक्त बड़ी श्रद्धा से भगवान का दर्शन करने आते हैं।
श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर की एक और विशेषता है कि श्रावण मास में यहाँ पूरे पर्थानेवर शिवलिंग की स्थापना कर पूरी पार्थना की जाती है। श्रावण महीने में 100 लघुरुद्र अभिषेक भी होते हैं। श्रावण के हर सोमवार को बर्फ के शिवलिंग की बड़े श्रद्धा से पूजा की जाती है और अनाज और कमल की पूजा भी होती है। भक्तों को यहाँ के भजी और चुरमुरे के लड्डू का प्रसिद्ध प्रसाद दिया जाता है।
मंदिर में मनाए जाने वाले उपक्रमों और धार्मिक उत्सवों में मुंबई के मान्यवर और शासकगण हमेशा सहयोग और मार्गदर्शन देते हैं। मंदिर में हर जाति और धर्म के लोगों के लिए दशक्रिया विधि के सभी इंतजाम किए जाते हैं। मुंबई पुलिस और ट्रॉम्बे पुलिस का भी इन धार्मिक उत्सवों में बड़ा सहयोग रहता है। मंडला गांव का भी हर विविध उत्सव में बड़ा योगदान रहता है। मंदिर प्रशासन की ओर से इन सभी को हार्दिक धन्यवाद दिया जाता है।
श्री दिलीप त्रिवेदी